- श्री महाकालेश्वर मंदिर में एंट्री का हाईटेक सिस्टम हुआ लागू, RFID बैंड बांधकर ही श्रद्धालुओं को भस्म आरती में मिलेगा प्रवेश
- कार्तिक पूर्णिमा आज: उज्जैन में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, माँ क्षिप्रा में स्नान के साथ करते हैं सिद्धवट पर पिंडदान
- भस्म आरती: भांग, चन्दन और मोतियों से बने त्रिपुण्ड और त्रिनेत्र अर्पित करके किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
- Ujjain: बैकुंठ चतुर्दशी आज, गोपाल मंदिर पर होगा अद्भुत हरि-हर मिलन; भगवान विष्णु को जगत का भार सौंपेंगे बाबा महाकाल
- भस्म आरती: रजत सर्प, चंद्र के साथ भांग और आभूषण से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, श्रद्धालुओं ने लिया भगवान का आशीर्वाद
उज्जैन में धूमधाम से मनाया गया गोवर्धन पूजा का त्योहार: मुख्यमंत्री डॉ. यादव पहुंचे तिलकेश्वर गौ-सेवा सदन, गोवर्धन पूजा कर गौ-माता को खिलाया 56 प्रकार का भोग
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में शुक्रवार को गोवर्धन पूजा का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने चिंतामन जवासिया में स्थित गौशाला में गोवर्धन पूजा का आयोजन किया। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्रामोद्योग विकास मंडल द्वारा आयोजित तिलकेश्वर गौ-सेवा सदन में जाकर अनाज और तिलहन व्यापारी संघ के गोवर्धन पूजा और दिवाली मिलन समारोह में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने गोवर्धन पूजा की और गौ-माता को 56 प्रकार का भोग चारे में मिलाकर अर्पित किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने तिलकेश्वर महादेव की पूजा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घोषणा की कि उज्जैन में नगर निगम 5000 गायों की क्षमता वाली गौ-शाला स्थापित करेगा। तिलकेश्वर महादेव सिंहस्थ क्षेत्र का प्रमुख मंदिर है, जिसका जीर्णोद्धार किया जाएगा, साथ ही यहां की गौ-शाला का भी विकास किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वीर दुर्गादास की छतरी के पास एक ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। मुल्लापुरा से चंदू खेड़ी तक सिक्स लेन सड़क बनाई जाएगी और कालिदास उद्यान से काल भैरव मंदिर तक फोर-लेन का काम होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अवंतिका की इस पावन धरती पर परमात्मा की विशेष कृपा है। यहां तिल भर भी जमीन बाकी नहीं है, जहां धर्म की सत्ता नहीं है। पूरे साल हम लोग त्यौहार मनाते रहें, परमात्मा की कृपा हम सब पर बनी रहे। घनघोर अंधकार के बीच दीप का एक प्रकाश ही दिपावली है। यह उजाला देती है, प्रकाश देती है, हिम्मत देती है, ऊष्मा देती है, ऊर्जा देती है और लगातार आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। मुख्यमंत्री ने सभी को दिवाली की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन्म से लेकर मृत्यु तक लगातार उत्सव और पर्व के आयोजन के लिए हमारी भारतीय संस्कृति जानी जाती है। इसी के साथ जीने के लिए लगातार ललक बढ़ती है। जीवन में कितने ही कष्ट हों लेकिन उनके बीच रोज हमें मुस्कुराने को मिलता है। जब हम प्रकृति के साथ जुड़ते हैं, परमात्मा के साथ जुड़ते हैं, गौ-माता के साथ जुड़ते हैं तो हमें आनंद प्राप्त होता है। गौ-माता में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है। इनकी पूजा और सेवा करके हम अपना जीवन सफल बनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ-माता अपने आंचल से हमको जीवन देती है यह प्रकृति के समान हमको जीना सिखाती है। यह हमको भी पालती है,अपने बच्चों को भी पालती है। हमें दूध देती है। हमारी संस्कृति की विशेषता है कि हम सबको नमस्कार करते हैं। हमें अपने देशी गौ-वंश की रक्षा करनी चाहिए। हमारे सारे तीज त्यौहार समाज को जोड़ने का काम करते हैं। जमुना जी के किनारे भगवान कृष्ण का भी मंदिर बनाएंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में दो से तीन गौ-शालाएं बनाई जाएंगी।